इस चुनाव को ब्रिटिश हुकूमत ने कराया था
दरअसल साल 1935 में ब्रिटिश सरकार ने एक एक्ट पारित किया था. जिसका नाम गर्वनमेंट ऑफ इंडिया एक्ट था. एक्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री का पद प्रांतीय सरकार के मुखिया के लिए था, जिसे आज मुख्यमंत्री कहा जाता है. इसी एक्ट के तहत भारत में पहली बार 1937 में चुनाव हुए. प्रांत स्तर के इस चुनाव में आगरा, बिहार, मद्रास, उड़ीसा और मध्य प्रांत में कांग्रेस को बहुमत के साथ जीत मिली.
कांग्रेस ने कई जगह सरकार बनाई थी
कांग्रेस की जीत के बाद अंग्रेज सरकार की तरफ से उसे ये आश्वासन दिया गया कि उसकी सरकार में गर्वनर जनरल बिना वजह कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे. हालांकि कुछ जगहों पर बात नहीं बनी तो कांग्रेस ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया. बिहार में इंटिपेंडेंट पार्टी के मोहम्मद यूनुस ने सरकार बनाई थी.
हालांकि दो साल बाद 1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू होने के चलते ब्रिटिश सरकार ने अपनी मनमानी की और भारतीय सैनिकों को युद्ध में भेजने का फैसला किया. इसके बाद सभी प्रांतीय पदों से इस्तीफे हो गए थे. इसके बाद साल 1952 में आजाद भारत का पहला चुनाव लड़ा गया था.
1947 के बाद चुनाव
1947 में आजादी के बाद देश में 1951-1952 में चुनाव हुए थे. जिसे इंडियन नेशनल कांग्रेस ने जीता था. पहला चुनाव जीतने के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरु पहले प्रधानमंत्री बने थे और राजेंद्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति बने थे.
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